सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला विवाद में महिलाओं के प्रवेश को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिका पर फौरन सुनाई से इनकार किया है. मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि जज इंदु मल्होत्रा के छुट्टी पर होने की वजह से रिव्यू पेटीशन (पुनर्विचार याचिका) को जनवरी में नहीं सुना जा सकेगा. बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय संविधान पीठ की जस्टिस इंदु मल्होत्रा एकमात्र महिला हैं. वो स्वास्थ्य कारणों से इस समय छुट्टी पर हैं. Supreme Court refuses urgent hearing of pleas seeking review of judgment permitting women of all ages to enter Sabarimala temple. Chief Justice of India Ranjan Gogoi says review petitions wouldn’t be heard in January as one of the judges, Justice Indu Malhotra is on leave. pic.twitter.com/HSqJeVSleE — ANI (@ANI) January 22, 2019 इससे पहले सोमवार को 10 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के खिलाफ दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया गया. महिलाओं ने दीप जलाकर राजीव चौक पर प्रदर्शन किया. [caption id="attachment_166082" align="alignnone" width="1002"] सबरीमाला मंदिर (फोटो: पीटीआई)[/caption] बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को अपने निर्णय में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दे दी थी. मगर कोर्ट फैसले के बावजूद श्रद्धालुओं के भारी विरोध-प्रदर्शन के चलते 31 दिसंबर, 2018 तक कोई भी महिला सबरीमाला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी थी. लेकिन बीते 2 जनवरी को 40 वर्ष से ज्यादा उम्र की दो महिलाएं सबको चकमा देकर मंदिर में प्रवेश करने में कामयाब रही थीं. बिंदु और कनकदुर्गा नाम की इन दो महिलाओं ने उस दिन सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर मंदिर में प्रवेश कर गर्भगृह के दर्शन किया था. इस दौरान सादे कपड़ों में पुलिस इन्हें सुरक्षा दे रही थी. सैकड़ों साल पुराने भगवान अयप्पा के इस मंदिर में 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष उम्र तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. यह परंपरा प्राचीण समय से चली आ रही है.
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Wednesday, 23 January 2019
सबरीमाला विवाद: निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर SC का जल्द सुनवाई से इनकार
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